मुसलमान हमें वोट नहीं देते वहां क्यों बनवाएं सड़कें
• आर. गुप्ता
लोकतंत्र का मतलब होता है जनता के द्वारा, जनता के लिये...संविधान इसमें कोई भेदभाव नहीं बरतने को कहता है। लेकिन संविधान की कसमें खाने वाले राजनेता इस बात को नहीं मानते। कम से कानपुर शहर में तो ऐसा ही है। शहर के मस्लिम बाहुल्य इलाकों में अगर नाले के लिए भी सड़क खोदी गई तो फिर उसको कौन भरेगा...ये किसी को नहीं मालूम। छह-छह महीने सड़क पर गड्ढे मुंह बाये रहते हैं। इसीलिए घनी मुस्लिम बस्तियों में रहने वाले ऊपरवाले से मनाते हैं कि हमारे इलाके में खुदाई जैसा कुछ न हो। इन इलाकों के लोगों का कहना है सरकार भाजपा की है। ज्यादातर विधायक भी भाजपा के हैं। सांसद भी इन्हीं का। विधायक जी के घर पहुंचों तो ताना मारा जाता है कि वोट तो देते नहीं ...फिर क्यों रोना रोते हो। कानपुर शहर के मीरपुर, चमनगंज, बाबूपुरवा आदि मुस्लिम बहुल इलाकों का यही हाल है।